द बुक ऑफ मार्क, फ्री ऑडियो बाइबिल, किंग जेम्स वर्जन बाइबिल इन हिंदी

किंग जेम्स संस्करण बाइबिल

मार्क, अध्याय 1:

  1. परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार की शुरुआत;
  2. जैसा भविष्यद्वक्ताओं में लिखा है, कि देख, मैं अपके दूत को तेरे साम्हने भेजता हूं, जो तेरे साम्हने तेरा मार्ग तैयार करेगा।
  3. जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द है, यहोवा का मार्ग तैयार करो, उसके मार्ग सीधे करो।
  4. यूहन्ना ने जंगल में बपतिस्मा दिया, और पापों की क्षमा के लिए पश्चाताप के बपतिस्मा का प्रचार किया।
  5. और यहूदिया का सारा देश, और यरूशलेम के सब लोग निकलकर उसके पास गए, और सब ने अपके पापोंको मानकर यरदन नदी में उस से बपतिस्मा लिया।
  6. और यूहन्ना ऊँट के बाल पहिने हुए, और कमर में खाल का पहिरावा पहिनाया; और उस ने टिड्डियां और वन मधु खाया;
  7. और यह प्रचार किया, कि मेरे बाद एक मुझ से बलवान आता है, जिस के जूतों की कुंडी मैं झुकने और खोलने के योग्य नहीं।
  8. मैं ने तो तुम्हें जल से तो बपतिस्मा दिया है, परन्तु वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा।
  9. और उन दिनों में यीशु गलील के नासरत से आया, और यरदन में यूहन्ना से बपतिस्मा लिया।
  10. और उस ने तुरन्त जल में से निकलकर आकाश को खुलते हुए, और आत्मा को कबूतर के समान उस पर उतरते देखा;
  11. और स्वर्ग से यह शब्द निकला, कि तू मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं प्रसन्न हूं।
  12. और आत्मा तुरन्त उसे जंगल में ले जाती है।
  13. और वह जंगल में चालीस दिन तक शैतान की परीक्षा में पड़ा रहा; और जंगली जानवरों के साथ था; और स्वर्गदूतों ने उसकी सेवा टहल की।
  14. जब यूहन्ना बन्दीगृह में डाल दिया गया, तब यीशु परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाते हुए गलील में आया,
  15. और कहा, समय पूरा हुआ, और परमेश्वर का राज्य निकट है: मन फिराओ, और सुसमाचार पर विश्वास करो।
  16. जब वह गलील की झील के किनारे चला, तब उस ने शमौन और उसके भाई अन्द्रियास को समुद्र में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछुवे थे।
  17. और यीशु ने उन से कहा, मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊंगा।
  18. और वे तुरन्‍त अपने जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
  19. और जब वह वहां से थोड़ा आगे चला, तो उस ने जब्दी के पुत्र याकूब और उसके भाई यूहन्ना को भी देखा, जो जहाज पर अपने जालों को सुधार रहे थे।
  20. और उस ने तुरन्त उन्हें बुलाया; और वे अपके पिता जब्दी को भाड़े के कर्मचारियोंके संग जहाज पर छोड़ कर उसके पीछे हो लिए।
  21. और वे कफरनहूम को गए; और वह सब्त के दिन तुरन्‍त आराधनालय में जाकर उपदेश करने लगा।
  22. और वे उसके सिद्धांत पर चकित हुए: क्योंकि उसने उन्हें एक अधिकार के रूप में सिखाया, न कि शास्त्रियों के रूप में।
  23. और उनकी आराधनालय में अशुद्ध आत्मा वाला एक मनुष्य था; और वह चिल्लाया,
  24. यह कहते हुए, हम अकेले रहें; हे नासरत के यीशु, हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें नष्ट करने आया है? मैं तुझे जानता हूं कि तू कौन है, परमेश्वर का पवित्र है।
  25. और यीशु ने उसे डांटा, और कहा, चुप रहो, और उस में से निकल आओ।
  26. और जब अशुद्ध आत्मा ने उसे फाड़ा, और ऊंचे शब्द से पुकारा, तब वह उसमें से निकल आया।
  27. और वे सब चकित हुए, यहां तक ​​कि वे आपस में पूछने लगे, यह क्या बात है? यह कौन सा नया सिद्धांत है? क्योंकि वह अशुद्ध आत्माओं को भी अधिकार से आज्ञा देता है, और वे उसकी मानती हैं।
  28. और तुरन्त उसकी ख्याति गलील के चारोंओर सारे देश में फैल गई।
  29. और तुरन्त आराधनालय से निकलकर याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर में गए।
  30. परन्तु शमौन की पत्नी की माँ ज्वर से पीड़ित थी, और वे उसे उसके विषय में बताते हैं।
  31. और उस ने आकर उसका हाथ पकड़ा, और उसे उठा लिया; और उसका ज्वर तुरन्त उतर गया, और वह उनकी सेवा टहल करने लगी।
  32. और सांफ को जब सूर्य अस्त हुआ, तो वे सब रोगी और दुष्टात्माओं से ग्रस्त सब को उसके पास ले आए।
  33. और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हो गया।
  34. और उस ने बहुतों को जो नाना प्रकार की बीमारियों से पीड़ित थे, चंगा किया, और बहुत सी दुष्टात्माओं को निकाला; और दुष्टात्माओं को बोलने न दिया, क्योंकि वे उसे जानते थे।
  35. और बिहान को दिन से बहुत पहिले उठकर निकल गया, और एक एकान्त स्थान में चला गया, और वहां प्रार्थना की।
  36. और शमौन और वे जो उसके साथ थे, उसके पीछे हो लिए।
  37. और उसे पाकर उस से कहा, सब मनुष्य तुझे ढूंढ़ते हैं।
  38. उस ने उन से कहा, हम आगे के नगरोंमें जाएं, कि मैं वहां भी प्रचार करूं, क्योंकि मैं इसीलिथे निकला हूं।
  39. और उस ने सारी गलील में उनकी सभाओं में प्रचार किया, और दुष्टात्माओं को निकाला।
  40. और एक कोढ़ी ने उसके पास आकर बिनती की, और घुटने टेककर उस से कहा, यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।
  41. और यीशु ने तरस खाकर हाथ बढ़ाया, और उसे छूकर उस से कहा, मैं करूंगा; तुम स्वच्छ हो।
  42. और उसके बोलते ही कोढ़ तुरन्त उसके पास से चला गया, और वह शुद्ध हो गया।
  43. और उस ने उसे फुर्ती से आज्ञा दी, और तुरन्त विदा किया;
  44. और उस से कहा, देख, तू किसी से कुछ न कहना; परन्तु जाकर अपना मार्ग याजक को दिखा, और अपके शुद्ध करने के लिथे जिन बातोंकी आज्ञा मूसा ने दी उन को अपके शुद्ध करने के लिथे चढ़ा, कि उन पर गवाही हो।
  45. परन्‍तु वह बाहर गया, और बहुत कुछ प्रकाशित करने लगा, और इस बात को यहां तक ​​भड़काने लगा, कि यीशु फिर खुले आम नगर में प्रवेश न कर सका, परन्‍तु निर्जन स्थानोंमें रहा; और वे चारोंओर से उसके पास आते रहे।